
आपको ही आसरो है
आपको ही आसरो है,आपको ही शरणो है,आपके ही चरणो में,जीणो ओर मरणो है, आप ही माता-पिता,कुटुम्ब परिवार हो,भाई बन्धु सखा सहायक,तुम ही शरदार हो,जीवन को उद्धार प्रभु,आपने ही करणो है, शरण आए की लज्जा,राखो तुम...
आपको ही आसरो है,आपको ही शरणो है,आपके ही चरणो में,जीणो ओर मरणो है, आप ही माता-पिता,कुटुम्ब परिवार हो,भाई बन्धु सखा सहायक,तुम ही शरदार हो,जीवन को उद्धार प्रभु,आपने ही करणो है, शरण आए की लज्जा,राखो तुम...
ये माया तेरी,अजब निराली भगवान,बङे-बङे ॠषियों को लूटा,शूर वीर बलवान, हाड माँस का बना पूतला,ऊपर चढा है चाम,देख-देख सब लोग रिझावे,केवल रूप ओर नाम, हाथ पैर इनके नही दीखे,फिर भी करे सब काम,आँख कान रसना...
कहने में कुछ भी कहे,मगर मन मे जानते,बाहर से अनजान है पर,दिल से पहचानते, भटका हुआ राही हूँ में,मंजिल का पता नही,मिले या ना मिले कोई,इससे मे खपा नही,खता तो बस यही है,गेंरो को अपना...
प्रभु जी सबके सिरजन हारतेरे बिना अब कोई नही है,जग का पालन हार जग की प्रीती अज़ब निराली,जाने जानन हारबिन मतलब ना मुख से बोले,मतलब की मनवार सुख मे सब कोई संगी साथी,कुटुम्ब सखा परिवारभीङ...
कहे शास्त्र वेद पुराण,महिमा सतसंग कीकरे ऋषि मुनी गुण गान,महिमा सतसंग की सत संग है भव सागर नोकापार करण का यही है मोकाअवसर चेत अजाण•••महिमा••• दुःखिया-सुखिया सब ही आवेजैसा कर्म करे फल पावेआ है इमृत...
मिनख जमारो मिल्यो जग मांही,ओर भळे कांई चावे तूं,लख चोरासी भटकत-भटकत,जूण अनेको भुगत्यो तूं, मानव तन अनमोल रतन धन,विरथा मत ना खोवे तूं,रचना रची हरि अजब निराली,भेद कोई नही पायो ते, कर सत संग सफल...
थे तो जाम्भा जी म्हारे,घणा मन भावणा,भक्त बुलावे थाने,आया सरसी ,थे तो गुरू जी म्हारे,हिवङे रा चानणादर्शन री प्यास बुझाया सरसी था बिन फीको है इण, जग माही जीवणोदर्शन आस पुराया सरसी थे तो था...
मात-पिता सुत नारी,ओर इस झूठी दुनिया दारी कोछोङ कर के एक जाना,होगा की नही क्यो भूले जीवन के राही,दूर कही तेरी मंजिलसजी धजी यहा रह जाएगी,दुनिया की झूठी महफिलइस महफिल को पार पाना,होगा की नही...
कर ले प्रभु से प्यार,नही पछताएगा,झूठा है संसार, धोखा खाएगा , माया के जितने धन्धे,सब झूठे है बंदे,उनके तन उजले मन गंदे,अँखियो से बिल्कुल अंधे,नज़र क्या आएगा …. मात-पिता सुत नारी,मतलब की रिस्तेदारी,जब चलेगी तेरी...
श्रीमन नारायण नारायण नारायण लख चौरासी, भोग के तूने, यह मानव तन पाया llरहा भटकता, माया में तूने, कभी न हरि गुण गाया,भज ले, नारायण नारायण नारायण वेद पुराण, भागवत गीता, आत्म ज्ञान सिखाएरामायण जो,...
थारो जनम बरबाद मत कीजो रे, कु संग मे कु संगत मे कु मति आवे,कु मति तुमको कु कर्म करावेनिरख निर्माण मत कीजो रे जैसा ही तु संग करेगा,वैसा ही तेरे रंग चढेगामूरख संग मत...
सत संगत मे सतगुरू आवे,धर्म कर्म की बात बतावेहिरदे धारण कर लीजो रे सतसंग मे सुगरा री तु संगत कीजे,भीतर कूङ कपट तज दीजेराम नाम रस पीजे रे सतसंग मे सुगरा रे संग सुमति आवे,सुमति...