
रे मन रे मन जो मत गावो हरी के गुण
रे मन रे मन जो मत गावो हरी के गुण । नयन मेरे तरस रहे, पाने को श्री हरी दर्शन ।श्रवन मेरे तरस रहे, सुनने को श्री हरी कीर्तन ॥ हाथ मेरे तरस रहे करने...
रे मन रे मन जो मत गावो हरी के गुण । नयन मेरे तरस रहे, पाने को श्री हरी दर्शन ।श्रवन मेरे तरस रहे, सुनने को श्री हरी कीर्तन ॥ हाथ मेरे तरस रहे करने...
अच्युतम केशवं राम नारायणं,कृष्ण दमोधराम वासुदेवं हरिं,श्रीधरं माधवं गोपिका वल्लभं,जानकी नायकं रामचंद्रम भजे। अच्युतम केसवं सत्य भामधावं,माधवं श्रीधरं राधिका अराधितम,इंदिरा मन्दिरम चेताना सुन्दरम,देवकी नंदना नन्दजम सम भजे। विष्णव जिष्णवे शंखिने चक्रिने,रुकमनी रागिने जानकी जानए,वल्लवी वल्लभा...
रोम रोम मैं ॐ ॐ हैंसांस सांस हरी बोल हरी बोल हरी बोल हरी हरी हरी, हरी हरी हरी, हरी हरी हरी बोल, हरी बोल, हरी बोलहरी हरी हरी, हरी हरी हरी, हरी हरी हरी...
तेरा जनम मरण मिट जाए,तू हरी का नाम सुमिर प्यारे । बालापन में मन खेलन में, सुख दुःख नहीं था रे,जोबन रसिया कामन बसिया तन मन धन हारे ।तू हरी का नाम सुमिर प्यारे… बूढा...
मत कर मोह तू, हरि भजन को मान रे तू ।हरि भजन को मान रे तू… नयन दिए दर्शन करने को, श्रवण दिए सुन ज्ञान रे ।हरि भजन को मान रे तू… वदन दिया हरि...
ॐ जय लक्ष्मी रमना, स्वामी जय लक्ष्मी रमणासत्य नारायण स्वामी, जन पातक हरणा, ॐ जय लक्ष्मी रमना… रतन जड़ित सिंहासन अद्भुत छवि राजेनारद करत निरंतर, घंटा ध्वनि बाजे, ॐ जय लक्ष्मी रमना… प्रगट भए कलि...
ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी ! जय जगदीश हरे ।भक्त / दास जनों के संकट, क्षण में दूर करे ॥ॐ जय जगदीश हरे… जो ध्यावे फल पावे, दुःख विनसे मन का, स्वामी दुःख विनसे मन...
कमलाकांत प्रभु कमलनयन स्वामी,घट घट वासी अंतर्यामी ।नारायण दीनदयाल, जय जगदीश हरे ।निज भक्तन के प्रतिपाल, जय जगदीश हरे ॥ जय जय राम राजा राम, जय जय राम राजा राम प्रभु अनुसरण जेहि जन कीना...
आशीर्वाद दिवस उत्सव हम चले झुंझनू धाम,जहाँ विराजे विष्णु के अवतारी गंगाराम । गंगाराम अमृतवाणी का करेंगे मिलकर पाठ,पंचदेव मंदिर में होगी भजनों की बरसात,सेवा समिति ने कर रखा है पूरा इंतज़ाम,जहाँ विराजे विष्णु के...
श्री मन नारायण नारायण हरि हरितेरी लीला सबसे नयारी नयारी हरि हरिभज मन नारायण नारायण हरि हरिजय जय नारायण नारायण हरि हरि हरी ॐ नमो नारायणा, ॐ नमो नारायणाहरी ॐ नमो नारायणा लक्ष्मी नारायण नारायण...
मेरी बांह पकड़ लो एक वार,हरि एक वार प्रभु एक वार ॥ यह जग्ग अति गहरा सागर है,सिर धरी पाप की गागर है ॥कुछ हल्का करदो इसका भार,हरि एक वार प्रभु एक वार एक जाल...
श्रीमन नारायण नारायण नारायणश्रीमन नारायण नारायण नारायण बद्रीनारायण नारायण नारायणश्रीमन नारायण नारायण नारायण लष्मी नारायण नारायण नारायणश्रीमन नारायण नारायण नारायण