मत कर मोह तू, हरि भजन को मान रे तू ।
हरि भजन को मान रे तू…

नयन दिए दर्शन करने को, श्रवण दिए सुन ज्ञान रे ।
हरि भजन को मान रे तू…

वदन दिया हरि गुण गाने को, हाथ दिए कर दान रे ।
हरि भजन को मान रे तू…

कहत कबीर सुनो भाई साधो, कंचन निपजत खान रे ।
हरि भजन को मान रे तू…

Author: Unkonow Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

शनि जयंती

Tuesday, 27 May 2025

शनि जयंती

संग्रह