हे परमेश्वर दीन दयालु,भीख दया की दे देना,
डोल रही है बीच भँवर मेरी,नैया पार लगा देना,

जब कष्ट पङे तुझे याद करू,ओर अनेक फरियाद करू,
मे शरण आपकी आया हूँ,मुझको भव पार लगा देना ,

कभी सोय रहा हूँ आलस मे,कभी काम कर रहा लालच मे,
सबका लेखा जोखा एक दिन तुझे,देना पङेगा अदालत मे,

माँ बहन पिता पत्नी सारे,मतलब के है रिस्ते सारे ,
सब जाएगे न्यारे-न्यारे,फिर किससे क्या लेना देना ,

धर ले तु मन मे ध्यान सदा,मिट जाएगी सारी विपदा,
कहे सदानन्द हरि भजन करो,दुनियां मे कोई नही अपना,

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