ये जिंदगी मिली है दिन दो चार के लिए,
कुछ तो पल निकालो भोले के गुणगान के लिए……

कई पुण्य किए होगे जो ये मानव तन है पाया,
पर भूल गया भगवन को माया ने मन भरमाया,
अब तक तो जीते आए घर परिवार के लिए,
ये जिंदगी मिली है दिन दो चार के लिए……

तूने पाई पाई जोड़ी कोई कमी है छोड़ी,
पर सुनले ये तू सुनले तेरे साथ ना जाए एक कोड़ी,
कुछ घर में पुण्य तो जोड़ो उस पार के लिए,
ये जिंदगी मिली है दिन दो चार के लिए……

ये जग है एक सराए कोई आए और कोई जाए,
इस का दस्तूर पुराना कोई सदा ना टिकने पाए,
अरे शिव भोले को भज ले उद्धार के लिए,
ये जिंदगी मिली है दिन दो चार के लिए…..

Author: Unkonow Claim credit

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