
शिव एक है
शिव मुझमे है शिव तुम में है ….शिव अनेक में शिव एक है ….हर कण-कण का मन है शिव से रौशन,बोल बम-बम मिलेंगे शिव के दर्शनबन जाऊं भस्म शिव मुझको ओढ़ ले,मिल जाए अगर शिव...
शिव मुझमे है शिव तुम में है ….शिव अनेक में शिव एक है ….हर कण-कण का मन है शिव से रौशन,बोल बम-बम मिलेंगे शिव के दर्शनबन जाऊं भस्म शिव मुझको ओढ़ ले,मिल जाए अगर शिव...
ऐसी लागी लगन है तेरे नाम कीबाबा लागी लगन है तेरे नाम कीकोई पागल बुलाए तो मैं क्या कारूऐसी लागी लगन है तेरे नाम कीबाबा लागी लगन है तेरे नाम की……. तेरे चेहरे का तेज...
किस्मत लिखने वाले को भगवान कहते है ।किस्मत बदलने वाले को महाकाल कहते है ॥हर हर शम्भु बोलो शिव शंभू…. जटा में जिसके गंग कि धारा,गले में सर्पों कि माला ।जिसने सारा जग है तारा,वही...
तू ही अन्त तू अनन्त है चराचर मे तू …जय महाकाल ….तू ही अन्त तू अनन्त है चराचर मे तू ….जय महाकाल ….मेरे माथे जो लगा उस चन्दन में तू ।श्रष्ठी का जीव से है...
सिद्ध नमाये शुद्ध नमायेनमः शिवाय नमः शिवाये ,सिद्ध नमाये शुद्ध नमायेनमः शिवाय नमः शिवाये , आदिदेवता साधु शंकरालिंगरूप शंभूशंकरा ,शंभूशंकरा भोलेशंकरासर्वनाशम सर्वदेवता ,आदिदेवता साधु शंकराभोलेशंकरा बोलेशंकरा ,आदिदेवता साधु शंकराभोलेशंकरा बोले शंकरा ,नमः शिवाये,नमः शिवाये,नमः शिवाये,...
ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवायॐ नमः शिवाय … शिव अमृत कि पावन धारा ,धो देती हर कष्ट हमारा ,शिव का काज सदा सुखदायी,शिव के बिना है कोन सहायी ,हर हर शंभू तो बोलो हर...
अकाल मृत्यु वो मरे , जो कार्य करे चंडाल का ।काल उसका क्या करे , जो भक्त हो महाकाल का ॥ शिव शम्भू…शिव शम्भू…कैलाश के निवासी, नमो बार बार हूँ,नमो बार बार हूँ,आयो शरण तिहारी,शंभू...
अकाल मृत्यु मरताकाम करता जो चंडाल काकाल उसका क्या बिगाड़ेभक्त जो महाकाल का बमभोले बम बमबमभोले बम बमभोले की मस्ती में हमबमभोले बम बम बमभोले बम बमबमभोले बम बमभोले की मस्ती में हमबमभोले बम बमभोले...
मै हिमाचल की बेटी, मेरा भोला बसे काशी।सारी उम्र तेरी सेवा करुँगी, बनकर तेरी दासी ॥शिव शिव शिव शिव शम्भू-2ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने,सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया।बोल बम बोल बम…-2सारा कैलाश पर्वत मगन...
आरम्भ है प्रचण्ड, बोले मस्तकों के झुंड,आज जंग की घड़ी की तुम गुहार दो ।आन बान शान या कि जान का हो दान,आज इक धनुष के बाण पे उतार दो ॥आरम्भ है प्रचण्ड… मन करे...
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ॥ गले में जिसके नाग, सर पे गंगे का निवास ।जो नाथों का है नाथ, भोलेनाथ जी ॥करता पापों का विनाश, कैलाश पे निवास ।डमरू वाला वो...
जो देवों के देव कहाते है,जो तन पर भस्म रमाते है,वो महा योगी वो ओखर दानी कोन है ?शिव शिव शिव शिव शिव शिव….शम्भूजय शिव भोला भण्डारी की,जय महादेव, त्रिपुरारी की,जय उमानाथ, कैलाशपति,जय महाकाल, गंगधारी...