
नमामि शमीशान
नमामी शमीशान निर्वाणरूपं,विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम् !निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं,चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहम् ।। निराकारमोंकारमूलं तुरीयं,गिरा ज्ञान गोतीतमीशं गिरीशम् !करालं महाकाल कालं कृपालं,गुणागार संसारपारं नतोऽहम् ।। तुषाराद्रि संकाश गौरं गंभीरं,मनोभूत कोटिप्रभा श्री शरीरम् !स्फुरन्मौलि कल्लोलिनी चारुगङ्गा,लसद्भालबालेन्दु कण्ठे भुजङ्गा...