
भोले बाबा के कृपा से जल चढ़ जाला हो
पाउबा के छाले तन को बुझाईला,कठिन डगरिया भी पार होइज़ाला,एक फुक गांजा पिया दे पॉवर चढ़ जाला हो,भोले बाबा के कृपा से जल चढ़ जाला हो….. बाबा के बूटी विशेष करेला मुड फ्रेश,बहुत हरानी थकानी...
पाउबा के छाले तन को बुझाईला,कठिन डगरिया भी पार होइज़ाला,एक फुक गांजा पिया दे पॉवर चढ़ जाला हो,भोले बाबा के कृपा से जल चढ़ जाला हो….. बाबा के बूटी विशेष करेला मुड फ्रेश,बहुत हरानी थकानी...
बाबा महाकाल तेरा,सारा जग दीवाना है,मैं भी दर पे आया हूँ,छोड़कर जमाना है….. दर्श मुझको दे देना,आस ये लगी दिल में,दर्श मैंने माँगा है,माँगा ना खजाना है,बाबा महांकाल तेरा,सारा जग दीवाना है…… बाबा तीनो लोको...
दीवानों फूल बरसाओ,मेरे महाकाल आए है,मेरे महाकाल आए हैं,दीवानों आरती गाओ,मेरे महाकाल आए हैं…… गले में नाग की माला,है ओढ़े हुए है मृगछाला,नहाए हुए है भस्मी से,जटा में गंग की धाराबजे करताल डमरू की,मेरे महाकाल...
शरण में हम तुम्हारे आ पड़े है,ओ भोले तेरे द्वारे आ पड़े है,शरण में हम तुम्हारे आ पड़े हैं,ओ बाबा तेरे द्वारे आ पड़े है……. भगत के दिल को यूँ ना तोड़ देनानिराशा कर प्रभु...
डमरू वाले आजा,तेरी याद सताए,मेरा ये भरोसा,कहीं टूट ना जाए,छुपा कहाँ आजा भोलेनाथ,डमरू वालें आजा,तेरी याद सताए,मेरा ये भरोसा,कहीं टूट ना जाए…… मन ये पुकारे दिल के सहारे,नैना हमारे तेरा रस्ता निहारे,हर पल विचारे,छुपा कहाँ...
अब सब कुछ संभालो भोलेनाथ,मैं आया तेरे चरणों में,तेरे द्वार खड़ा हूँ लाचार,बस जाओ मेरे कण कण में,अब सब कुछ संभालो भोलेनाथ,मैं आया तेरे चरणों में….. जटा में तेरी गंग की धारा,गले लिपटाए भोले सर्पो...
तर्ज – दिल लूटने वाले जादूगर शिव शंकर तुम कैलाशपति,है शीश पे गंग विराज रही,शिव शंकर तुम कैलाश-पति,है शीश पे गंग विराज रही….. माथे पर चंद्र का मुकुट सजा,और गल सर्पो की माला है,माँ पारवती...
( दुखियों के सब दुःख हर लेते हैं,भस्म लपेटे रहते हैं,कष्ट उन्हें क्या जो भोले की,शरण में हरपल रहते हैं॥ ) जटा में तेरी गंगा विराजे, माथे चन्द्र सजाया,जटा में तेरी गंगा विराजे, माथे चन्द्र...
भोलेनाथ जी का डमरू दिन रात बज रहा है,भोलेनाथ जी का डमरू दिन रात बज रहा है,भक्तों का पार बेड़ा, हाथों हाथ कर रहा,भोलेनाथ जी का डमरू दिन रात बज रहा है….. माया में फस...
तर्ज – मैं ढूढ़ता हूँ जिनको मैं हूँ शरण में तेरी हे नाथ डमरू वाले,दुःख से मुझे उबारो पाँवो में पड़ गए छाले,मैं हूँ शरण में तेरी हे नाथ डमरू वाले….. फसीं है भवरो में...
तर्ज – शिरडी वाले साई बाबा आया है डमरू वाले भोले बाबा,कर दो दया हे शिव भोले दानी….. नाम तेरा जपति है दुनिया,गाते है बम बम सब जग के प्राणी,डमरू वाले भोले बाबा,कर दो दया...
कैसे मैं शिव को मनाऊ हो,शिव मानत नाही,कैसे भोले को मैं मनाऊ हो,भोले मानत नाही…… लाडू और पेड़ा वाके,मनहु ना भावे,भांग धतूरा कहाँ पाऊ हो,शिव मानत नाही….. हल्दी और कंकु वाके,मनहु ना भावे,मुर्दे की भस्मी...