
शंभू
हो मैंने जो कुछ पाया हैचाहे धन चाहे काया हैहो इसमें ना कुछ मेराभोले सब तेरी माया हैहो इसमें ना कुछ मेराभोले सब तेरी माया है जहाँ कोई नहीं जा पायाउस केलाश पे भोले राज...
हो मैंने जो कुछ पाया हैचाहे धन चाहे काया हैहो इसमें ना कुछ मेराभोले सब तेरी माया हैहो इसमें ना कुछ मेराभोले सब तेरी माया है जहाँ कोई नहीं जा पायाउस केलाश पे भोले राज...
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनम्उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥ अन्त भी तू आरम्भ भी तूअन्त भी तू आरम्भ भी तूअन्त भी तू आरम्भ भी तूअन्त भी तू आरम्भ भी तूहर हर शम्भूहर हर शम्भूहर हर...
ॐ नमः शिवायॐ नमः शिवायॐ नमः शिवायॐ नमः शिवाय नमामीशमीशान निर्वाणरूपं ।विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम् ॥निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं।चिदाकाशमाकाशवासं भजे हं ॥ आदि देव महादेव शंभूडम डम डम बाजे रे डमरुआदि देव महादेव शंभूडम डम डम...
ढूँढ रहा है तू मंदिर मंदिरऔर शिव बसे है तेरे ही अंदरझाक ज़रा ख़ुद में तू बावरेजहां पर तू है शिव भी उधर शिव सब जाने वो सब कुछ देख रहा हैउसको पता है क्यों...
महादेव कौन है ?? संसार के संहारकर्ता !!!जो विनाश करके संसार को संतुलित रखते हैं।उनका ना आदि है और ना अंत है,अविनाशी हैं । विश्वनाथ है, कालोपरी है ।पंचमहाभूतों के नाथ, भूतनाथ है वो !!...
सावन का महीना पवन करे शोरमेरा शिव भोला भंडारीमुझे दिखाए चारो ओर सावन का महीना पवन करे शोरसावन का महीना पवन करे शोरमेरा शिव भोला भंडारीमुझे दिखाए चारो ओर तेरे दरश को मैं तो चला...
जो तने ब्याहण आया पार्वतीउसका रूप निराला सेमाथे चंदा जटा में गंगागळ में नाग एक काला सेओ माथे चंदा जटा में गंगागळ में नाग एक काळा से ओ इसा के देख्या पार्वतीजो इसके प्रेम में...
भोले….ओ मेरे भोलेभोले……. हो मेरे महादेव जटाधारीमहाकाल त्रिपुरारी मेरे महादेव के चरनन मेंरहना है आपकी शरनन मेंमुझे प्यार जाताना आता नातेरे सिवा किसी से नाता ना हो मेरे महादेव जटाधारीमहाकाल त्रिपुरारीहो मेरे शिव भोले भंडारीतेरे...
वो कैलाशी वो अविनाशीसारी श्रष्टि चलायेमस्त रहे अपनी मस्ती मेंडम-डम डमरू बजाये वो कैलाशी वो अविनाशीसारी श्रष्टि चलायेमस्त रहे अपनी मस्ती मेंडम-डम डमरू बजायेकाल भी उसका क्या कर लेजो जपते नमः शिवायॐ नमः शिवायॐ नमः...
तेरे बिन है कौन मेरामैं आच्छी तरहिया जाणूतू पूरा करदे काम मेरामैं जो भी मन मैं ठाणूतू अँतरयामी है भोलेतेरी लीला सबसे न्यारीतेरे दर पै आयी सू भोलेमैं तेरे दर्श की मारीतेरे नाम ही करदी...
मेरी सुनते जाइयो भोलेनाथकहवे पार्वती तेरीतेरे खातिर होगी थी जो राखबोले सती तेरीतेरे वस में यो सारा जहानकैलाश पे बैठ्या ला के ध्यानतने किसा बना राख्या से भेषतू राख से करता है स्नानके भूत भविष्य...
मनोबुद्धयहंकारचित्तानि नाहम्न च श्रोत्र जिह्वे न च घ्राण नेत्रेन च व्योम भूमिर्न तेजॊ न वायु:चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम् ॥1॥ ना मन ना अहंकार, बुद्धि नहीं हूंना सुनता ना चखता कुछ देखता नहीं हूँन धरती, न...