हमारे भोले बाबा को मना लो जिसका दिल चाहे……

शीश पर चंद्रमा सोहे गले में मुंह मुंड माला है,
जटा में बह रही गंगा नहा लो जिसका दिल चाहे,
हमारे भोले बाबा को मना लो जिसका दिल चाहे……

अंग में रम रही भस्मी बगल में मृग छाला है,
हाथ में सज रहा डमरू बजा लो जिसका दिल चाहे,
हमारे भोले बाबा को मना लो जिसका दिल चाहे……

नंदिया संग में सोहे बगल में प्यारी गौरा है,
गोद में गणपति लाला खिला लो जिसका दिल चाहे,
हमारे भोले बाबा को मना लो जिसका दिल चाहे……

मंदिर में भोले बाबा है भक्तो का आना जाना है,
भीड़ भक्तो की है भारी मांग लो जिसका दिल चाहे,
हमारे भोले बाबा को मना लो जिसका दिल चाहे……

Author: Unkonow Claim credit

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