सखी हरिद्वार जाउंगी,
हरिद्वार जाउंगी,
सखी ना लौट के आऊँगी,
मेरे उठे विरह में पीर,
सखी हरिद्वार जाउंगी……

छोड़ दिया मैंने भोजन पानी,
भोले तेरी याद में,
छोड़ दिया मैंने भोजन पानी,
भोले तेरी याद में,
मेरे नैनन बरसे नीर,
सखी हरिद्वार जाउंगी…..

सुंदर सलोनी सूरत पे,
दीवानी हो गई,
अब कैसे धारू धीर सखी,
सखी हरिद्वार जाउंगी,
मेरे उठे विरह में पीर,
सखी हरिद्वार जाउंगी……

इस दुनिया के रिश्ते नाते,
सब ही तोड़ दिए,
तुझे कैसे दिखाऊं दिल चिर,
सखी हरिद्वार जाउंगी,
मेरे उठे विरह में पीर,
सखी हरिद्वार जाउंगी……

नैन लड़े मेरे भोले से,
बावरी हो गई,
दुनिया से हो गई अंजानी,
सखी हरिद्वार जाउंगी,
मेरे उठे विरह में पीर,
सखी हरिद्वार जाउंगी……

Author: Unkonow Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

शनि जयंती

Tuesday, 27 May 2025

शनि जयंती

संग्रह