भोलेनाथ जी का डमरू दिन रात बज रहा है,
भोलेनाथ जी का डमरू दिन रात बज रहा है,
भक्तों का पार बेड़ा, हाथों हाथ कर रहा,
भोलेनाथ जी का डमरू दिन रात बज रहा है…..

माया में फस के जो भी दुखड़े उठा रहे हैं,
दुखड़े मिटा के सुख की, बरसात कर रहा है,
भोलेनाथ जी का डमरू दिन रात बज रहा है…..

बर्बाद हो गए हैं बर्बादियों के चलते,
उनको नचा नचा कर, आबाद कर रहा है,
भोलेनाथ जी का डमरू दिन रात बज रहा है…..

कहता अनाड़ी जब भी बजता है शिव का डमरू,
समझों खुशी की पैदा, हालात कर रहा है,
भोलेनाथ जी का डमरू दिन रात बज रहा है…..

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