राम लखन दोनों बाल नी सीता नाल नी,
तीनो तुर चले वन नु,
पानी विच अखियां डूभ गइयाँ जी,
आग लग गई मन नु,
राम लखन दोनों बाल नी सीता नाल नी,
तीनो तुर चले वन नु…

माता ककई ने जुलम कमाया,
कौशलया माँ दे कलेजे हथ पाया,
माये नी मैं मर मर जावा पुत्र जिह्ना ने बिशड जांदे,
ओ किवा जिंदियाँ ने मावा,
राम लखन दोनों बाल नी सीता नाल नी,
तीनो तुर चले वन नु…

पुत्र प्यारे मेरी अखियां दे तारे,
दूर कौन ले गया दिला दे सहारे,
माये नी मैं मर मर जावा पुत्र जिह्ना ने बिशड जांदे,
ओ किवा जिंदियाँ ने मावा,
राम लखन दोनों बाल नी सीता नाल नी,
तीनो तुर चले वन नु…

सुना सुना होया आज अयोध्या दा राज,
मैं ते आज भूल गई सारे कम काज,
माये नी मैं मर मर जावा पुत्र जिह्ना दे विश्ड जांदे,
किवे जिंदियाँ माँ,
राम लखन दोनों बाल नी सीता नाल नी,
तीनो तुर चले वन नु…

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