भजले बंदे राम पत्थर की करले छाती रे……

दादा तो पोते से बोला सुन पोते मेरी बात रे,
एक दही का प्याला लादे रोटी ला दे ताती रे,
भजले बंदे राम पत्थर की करले छाती रे……

पोता तो मम्मी से बोला सुन मम्मी मेरी बात रे,
बाबा तो मेरा रोटी मांगे वह भी मांगे ताती रे,
भजले बंदे राम पत्थर की करले छाती रे……

मम्मी तो बेटा से बोली सुन बेटा मेरी बात रे,
सेवा कर कर हारी याकी मिलती नहीं भलाई रे,
भजले बंदे राम पत्थर की करले छाती रे……

बाहर से वह बेटा आया सुन बेटा मेरी बात रे,
तेरी बहू मुझे बुड्ढा बोले गए घरों की आई रे,
भजले बंदे राम पत्थर की करले छाती रे……

बेटा तो पापा से बोला सुन पापा मेरी बात रे,
मारु तो ये बाज ना आवे जाकर खाले फांसी रे,
याने याने बालक मेरे को लगावे छाती रे…..

पापा तो बेटा से बोला सुन बेटा मेरी बात रे,
चार दिनों की जवानी तेरी फिर आएगा बुढ़ापा रे,
भजले बंदे राम पत्थर की करले छाती रे…..

Author: Unkonow Claim credit

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