बैठ के तु पिंजरे में,
पंछी काहे को मुसकाय,
हम सब है इस जग में कैदी,
तु ये समझ ना पाय॥

भजन बिना चैन ना आये राम,
कोई ना जाने कब हो जाये,
इस जीवन की शाम॥
बोलो राम राम राम ॥

मोह माया की आस तो पगलै,
होगी कभी ना पूरी,
करते करते भजन प्रभु का,
मीट जायेगी दुरी,
हम भक्तो के साथ साथ लो,
सब ही प्रभु का नाम,
भजन बिना चैन ना आये राम॥

भजन है अमृत रस का प्याला,
शाम सवेरे पीना,
इसको पीकर सारा जीवन,
मस्ती में तु जीना
भक्ति कर तो बन जायेंगे,
अपने बिगड़े काम,
भजन बिना चैन ना आये राम॥

भजन बिना चैन ना आये राम,
कोई ना जाने कब हो जाये,
इस जीवन की शाम॥
बोलो राम राम राम ॥

Author: Unkonow Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

शनि जयंती

Tuesday, 27 May 2025

शनि जयंती

संग्रह