शिव की जटा से निकली गंगा,
उसमें नहावे दुर्गे मात मैया का जवाब नहीं…..

माथे का टीका मैया आप समारो,
आप समारो मैया खुद ही समारो,
कहीं लहरों में बह ना जाए मैया का जवाब नहीं,
शिव की जटा से निकली गंगा……

माथे की बिंदी मैया आप समारो,
आप समारो मैया खुद ही समारो,
कहीं लहरों में बह ना जाए मैया का जवाब नहीं,
शिव की जटा से निकली गंगा……

गले का हारवा मैया आप समारो,
आप समारो मैया खुद ही समारो,
कहीं लहरों में बह ना जाए मैया का जवाब नहीं,
शिव की जटा से निकली गंगा……

कमर की तगड़ी मैया आप समारो,
आप समारो मैया खुद ही समारो,
कहीं लहरों में बह ना जाए मैया का जवाब नहीं,
शिव की जटा से निकली गंगा……

पैरो की पायल मैया आप समारो,
आप समारो मैया खुद ही समारो,
कहीं लहरों में बह ना जाए मैया का जवाब नहीं,
शिव की जटा से निकली गंगा……

तन की साड़ी मैया आप समारो,
आप समारो मैया खुद ही समारो,
कहीं लहरों में बह ना जाए मैया का जवाब नहीं,
शिव की जटा से निकली गंगा……

भोग के छोले मैया आप समारो,
आप समारो मैया खुद ही समारो,
कहीं लहरों में बह ना जाए मैया का जवाब नहीं,
शिव की जटा से निकली गंगा……

हम भगतो को मैया आप समारो,
आप समारो मैया खुद ही समारो,
कहीं लहरों में बह ना जाए मैया का जवाब नहीं,
शिव की जटा से निकली गंगा……

Author: Unkonow Claim credit

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