मैया तेरे दरबार की महिमा निराली है,
भरते हैं यहां दामन, कोई जाता ना खाली है,
मैया तेरे दरबार की महिमा निराली है,
निराली है, निराली है, निराली है, निराली है,
मैया तेरे दरबार की महिमा निराली है……
जिसे दुनिया ठुकराए, उसे मैया अपनाए,
जो शरण में आ जाए, तो रोज दिवाली है,
मैया तेरे दरबार की महिमा निराली है…..
यह अद्भुत धाम तेरा,यहां भक्तों का डेरा,
अपने भक्तों की मैया,करती रखवाली है,
मैया तेरे दरबार की महिमा निराली है……
बिन मांगे ही पूरी, हर ख्वाहिश होती है,
यहां सारे मिट जाते, आती खुशहाली है,
मैया तेरे दरबार की महिमा निराली है,
निराली है, निराली है, निराली है, निराली है……
Author: Unkonow Claim credit