माँ दर्शन का फल ना मिलता कोनया भैरव नाथ बिना,
बाला जी बजरंग बलि मिले कदे न रघुनाथ बिना…

माँ के दर्शन करके आओ फिर भैरव पर तेल चढ़ाओ,
भगति तद भी रंग लावे न खुद की करि खुबात बिना,
माँ दर्शन का फल ना मिलता कोनया भैरव नाथ बिना…

प्रेत राज समाधि वाला भैरव ोटे काम्बर काला,
बाला जी भी चाले को न इन तीनो के साथ बिना,
माँ दर्शन का फल ना मिलता कोनया भैरव नाथ बिना…

कोइये कहता यो मरघट वाली कोई मसानी कहता काली,
भोग लगावे नहीं कालका,माई आधी रात बिना,
माँ दर्शन का फल ना मिलता कोनया भैरव नाथ बिना…

अर्धकवारी माँ मनसा रानी सतपाल भगत ने दिन रात मखानी,
माँ अशोक भगत भी के गावे माहि रानी के साथ बिना,
माँ दर्शन का फल ना मिलता कोनया भैरव नाथ बिना…

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