लगाया त्रिलोकपुर दरबार मेरी मां बाला सुन्दरी ने,
मेरी मां बाला सुन्दरी ने मेरी मां बाला सुन्दरी ने,
लगाया त्रिलोकपुर दरबार मेरी मां बाला सुन्दरी ने….

रामदास पे कृपा कर मां त्रिलोकपुर में आई,
सपने में फिर दर्शन देके लीला अजब दिखाई,
बढ़ाया रामदास का मान मेरी मां बाला सुन्दरी ने,
लगाया त्रिलोकपुर दरबार मेरी मां बाला सुन्दरी ने…..

बाल रूप में बाला सुन्दरी मैया लगती प्यारी,
सुन्दर भवन निराला माँ का महिमा जग से न्यारी,
कर दिया दर्शन से कल्याण मेरी माँ बाला सुन्दरी ने,
लगाया त्रिलोकपुर दरबार मेरी मां बाला सुन्दरी ने…..

बाँझन को माँ पुत्र देती अज्ञानी को ज्ञान,
निर्धन भी दर इसके आकर बन जाता धनवान,
दिलाई सिंगला को पहचान मेरी माँ बाला सुन्दरी ने,
लगाया त्रिलोकपुर दरबार मेरी मां बाला सुन्दरी ने……

Author: Unkonow Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

शनि जयंती

Tuesday, 27 May 2025

शनि जयंती

संग्रह