दो नैना मैं बसग्या मेरै चसका इन दरबारा का,
मेरी मैया मेरी मैया मेरी मैया सामने आजा सै जब,
गूंजे शोर जैकारे का……..

दिन मैं मैया रात ने मैया जागते सोते मैया सै,
मैया बिन जिंदगानी का ना दूजा कोए खिवैया सै,
और ठिकाना कोन्या कोए दुनिया मैं लाचारा का…….

घर के धंधे नुए चलैंगे भक्ति गैल जरुरी सै,
माँ की कृप्या बिना या जिंदगी बिलकुल ही बे नूरी सै,
भाई काम अधूरा रहता कोन्या माँ के सेवादारा का……..

बचपन तै मैं माँ का पुजारी माँ बेटे का नाता सै,
व्रत करूँ नवरात्रे राखु पढू कहानी गाथा मैं,
कमल सिंह जा बदल जीत मैं दुखड़ा सारी हारा का….

Author: Unkonow Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

शनि जयंती

Tuesday, 27 May 2025

शनि जयंती

संग्रह