यमुना किनारे श्याम आया ना करो ।
मीठी मीठी बांसुरी बजाया ना करो॥

बंसी की आवाज सुनके ग्वाले दौड़े आएंगे ,
गऊ बछड़े छोड़ के सब दर्शन करना चाहेंगे ,
ग्वालों का दिल तड़पाया न करो ,
मीठी मीठी बांसुरी बजाया ना करो।
यमुना किनारे श्याम…..

बंसी की आवाज सुन कर गोपी दौड़ी आएंगी ,
बालक बच्चे छोड़ के सब दर्शन करना चाहेंगी ,
गोपियों का दिल तड़पाया न करो ,
मीठी मीठी बांसुरी बजाया ना करो।
यमुना किनारे श्याम…..

बंसी की आवाज सुनके पंछी दौड़े आएंगे ,
चुग्गा पानी छोड़ के सब दर्शन करना चाहेंगे ,
पंछियों का दिल तड़पाया न करो ,
मीठी मीठी बांसुरी बजाया ना करो।
यमुना किनारे श्याम…..

बंसी की आवाज सुनके भक्त दौड़े आयेंगे ,
ढोलक बजा छोड़ कर सब दर्शन करना चाहेंगे ,
भक्तों का दिल तड़पाया न करो ,
मीठी मीठी बांसुरी बजाया ना करो।
यमुना किनारे श्याम…..

बंसी कीआवाज सुनके राधा दौड़ी आएँगी ,
काम-धाम छोड़ कर वह दर्शन करने चाहेंगी ,
राधा को इतना सताया ना करो,
मीठी मीठी बांसुरी बजाया ना करो।
यमुना किनारे श्याम………..।

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