समझा ले अपने कान्हा को री मोहे छेड़े रोज डगरिया में……

बागन में वह मुझे बुलावे,
मालिन से ठाडो बतलावे,
हस हस के मोसे नैना लड़ावे,
मेरे कर गयो घाव जीगरवा में,
समझा ले अपने कान्हा को….

जमुना तट पर मुझे बुलावे,
धोबिन से ठाडो बतलावे,
चीर चुराए कदम पर चढ़ गया,
मेरी कर गयो छेद चुनरिया में,
समझा ले अपने कान्हा को…..

मधुबन में वह मुझे बुलावे,
सखियों से ठाडो बतलावे,
ऐसो मारो झटका मेरी आई गई मोच कलाइयां में,
समझा ले अपने कान्हा को…..

गलियन में वह मुझे बुलावे,
ग्वाल बाल संग ठाडो पावे,
नाली में कंकड़ मारो मेरे लग गई कीच चुनरिया में,
समझा ले अपने कान्हा को……

Author: Unkonow Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

शनि जयंती

Tuesday, 27 May 2025

शनि जयंती

संग्रह