होली है ब्रज में रंग बरसे,
राधा रानी को मिलने ने श्याम तरसे………

राधा तो महलों में सोई पड़ी है,
कोण बुला के ने ल्यावे घर से,
होली है ब्रज में रंग बरसे,
राधा रानी को मिलने ने श्याम तरसे………

राधा तो महलों में सजती संवरती,
श्याम देखे आवेगी निकल घर से,
होली है ब्रज में रंग बरसे,
राधा रानी को मिलने ने श्याम तरसे………

राधा तो महलों में कर रही भोजन,
हल्का सा झोंका आया उधर से,
होली है ब्रज में रंग बरसे,
राधा रानी को मिलने ने श्याम तरसे………

राधा ने अटरिया पे देख्या जो चढ़ के,
दिल का कमल गया खिल झट से,
होली है ब्रज में रंग बरसे,
राधा रानी को मिलने ने श्याम तरसे………

Author: Unkonow Claim credit

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