मुझको राधारमण करदो ऐसा मगन,
रटूं तेरा नाम, मैं आठों याम…

करुणानिधान मोपे कृपा कर रिझिए,
बृज में बसाके मोहे सेवा सुख दीजिए,
प्रेम से भरदो मन, गाउँ तेरे भजन,
रटूं तेरा नाम, मैं आठों याम…

भाव भरे भूषणो से आपको सजाऊँ मैं,
नितनव् भोज निज हाथों से पवाऊं मैं,
करो जब तुम शयन, दाबू तुमरे चरण,
रटूं तेरा नाम, मैं आठों याम…

जब भी विहार करो, प्यारी संग सांवरे,
फूल बन जाऊं जहां, धरो तुम पाँव रे,
बनके शीतल पवन छू लूँ तेरा बदन,
रटूं तेरा नाम, मैं आठों याम…

तुम्हे देख जीऊं तुम्हे देख मर जाऊं मैं,
जनम जनम तेरा दास ही कहाऊं मैं,
रख लो अपनी शरण, करदो मन में रमन,
रटूं तेरा नाम, मैं आठों याम…

मुझको राधारमण करदो ऐसा मगन,
रटूं तेरा नाम, मैं आठों याम…

Author: Unkonow Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

शनि जयंती

Tuesday, 27 May 2025

शनि जयंती

संग्रह