मेरा पकड़ो हरी ने हाथ अब डर काहे को,
काहे को डर काहे को,
मेरा पकड़ो हरी ने हाथ अब डर काहे को…..
बरसाने की मैं हूं किशोरी,
नंदगांव ससुराल अब डर काहे को,
मेरा पकड़ो हरी ने हाथ अब डर काहे को…..
नंद बाबा मेरे ससुर लगत हैं,
नंदरानी मेरी सास ,
अब डर काहे को,
मेरा पकड़ो हरी ने हाथ अब डर काहे को…..
बलदाऊ मेरे जेठ लगत हैं,
मेरे सिर पर रख दिया हाथ, अब डर काहे को,
मेरा पकड़ो हरी ने हाथ अब डर काहे को…..
श्री दामा मेरे देवर लगत हैं,
प्यारे बालापन के यार, अब डर काहे को,
मेरा पकड़ो हरी ने हाथ अब डर काहे को…..
तेरी मेरी कान्हा प्रीत पुरानी,
यह जाने सारा संसार, अब डर काहे को,
मेरा पकड़ो हरी ने हाथ अब डर काहे को…..
Author: Unkonow Claim credit