माधवे मन न रहे, घर आओ ,
रह न साकूं, दरस दिखाओ ,
माधवे मन न रहे,,,,,,,,,,,,,

जब से गए हो, प्रीतम मेरे ,
रोम रोम, मैं तड़पण ,
माधवे मन न रहे,,,,,,,,,,,,,

कांटे चुभे मेरे, तन सरीरा ,
दर्द, बिरहों से पीता ,
माधवे मन न रहे,,,,,,,,,,,,,

फट्ट लगे अंग, अंग गुर दर्शन ,
पीव पड़े, बिन तेरे,
माधवे मन न रहे,,,,,,,,,,,,,

डूब गएयो, गहरे तल सांईआं ,
पर दुखड़ा, तेरा सतावे,
माधवे मन न रहे,,,,,,,,,,,,,

अत्त गरीबी मेरी, दीन हीनता ll
पर नाम, तेरे की भूख आ ll
माधवे,,, मन न रहे,,,,,,,,,,,,,

कंत दर्शन थक्काँ, कर अरजोईयां ll
कहाँ गए, गुर दर्शन ll
माधवे,,, मन न रहे,,,,,,,,,,,,,

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