कारे से लाल बनाए गयी रे,
गोरी बरसाने वारी,
बरसाने वारी, गोरी बरसाने वारी……

छीन मुकुट सिर धरी चंद्रिका,
बिंदिया भाल लगाए गयी रे,
गोरी बरसाने वारी,
कारे से लाल बनाए गयी रे……

नाक बेसार गाल माए कांचुकी,
उपर से चूनर उड़ाए गयी रे,
गोरी बरसाने वारी,
कारे से लाल बनाए गयी रे……

नारी बनाए, जोड़ के नाता,
उपर से ठेंगा दिखाए गयी रे,
गोरी बरसाने वारी,
कारे से लाल बनाए गयी रे……

नारायण मन फिर भी ना मानयो,
हस के कंठ लगाए गयी रे,
गोरी बरसाने वारी…….

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