जब छोड़ चलु इस दुनिया को होठों पर नाम तुम्हारा हो,
चाहे स्वर्ग मिले चाहे नर्क मिले ह्रदय में वास तुम्हारा हो,
जब छोड़ चलु इस दुनिया को…..

तन श्याम नाम की चादर हो,
जब गहरी नींद में सोया हूं,
कानों में मेरे गूंजता हो बस कान्हा नाम तुम्हारा हो,
जब छोड़ चलु इस दुनिया को…..

रस्ते में तुम्हारा मंदिर हो,
जब मंजिल को प्रस्थान करु,
चौखट पर तेरी मनमोहन अंतिम परिणाम हमारा हो,
जब छोड़ चलु इस दुनिया को…..

उस वक्त कन्हैया आ जाना,
जब चिता पर जाकर शयन करूं,
मेरे मुख में तुलसी जल देना बस इतना काम तुम्हारा हो,
जब छोड़ चलु इस दुनिया को…..

अगर सेवा की मैंने तेरी,
तो उसका यह उपहार मिले,
इस दासी का मेरे सांवरिया ना आवागमन दोबारा हो,
जब छोड़ चलु इस दुनिया को…..

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