राधा रमण हरी गोविन्द जय,
बोले रे मन हरे कृष्ण हरे,
राधा रमण हरी गोविन्द जय,
बोले रे मन हरे कृष्ण हरे……

हे मेरे गिरधर हे गोपाला,
तुही दुःख दूर करे,
हरे कृष्ण हरे हरे कृष्ण हरे,
हरे राम हरे हरे कृष्ण हरे……

अंधेरो में जलते दिए सा,
सांचा तेरा नाम रे कान्हा,
चांदी सोने से भी खरा है,
एक मेरा घनश्याम जगत का,
एक मेरा घनश्याम जगत का…..

आन पड़ी मई द्वार खड़ी मै,
तुही दुःख दूर करे,
हरे कृष्ण हरे हरे कृष्ण हरे,
हरे राम हरे हरे कृष्ण हरे…….

Author: Unkonow Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

शनि जयंती

Tuesday, 27 May 2025

शनि जयंती

संग्रह