ग्वालिन मेरी गेंद चुराई।
खेलत आन परी पलका पर अंगिया मांझ दुराई॥१॥
भुज पकरत मेरी अंगिया टटोवत छुवत छंतिया पराई।
सूरदास मोही एही अचंबो एक गई द्वय पाई॥२॥

Author: Unkonow Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

शनि जयंती

Tuesday, 27 May 2025

शनि जयंती

संग्रह