म्हारा मन मे चाव घणो म्हे खाटु जावाला,
श्याम का फागण मेला माही नाचा गावाला…..

ई जीवन को सबसु बड़ो उत्सव है फागण मेलो,
बाबा श्याम सु मिलबा खातीर छोड़ा झुठो झमेलो,
बारह महिना बितया आव श्याम रिझावाला,
श्याम का फागण मेला माही नाचा गावाला…..

ऐसो मोको कदे ना चुका दिवानो संसार सारो,
फागण मेले म्हाने बुलायो बाबो लखदातार म्हारो,
पैदल जार निशान उठा जयकार लगावला,
श्याम का फागण मेला माही नाचा गावाला……

श्याम का दर पे आनंद बरसे मिलके होली खेलागां,
साँवरियो भी खुश हो बाट भर भर झोली लुटागां,
राकेश फागण मेले श्याम दर हरदम आवला,
श्याम का फागण मेला माही नाचा गावाला…..

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