चिंता करें भलाई हमारी इस माया जंजाल की
बलिहारी बलिहारी बोलो बलिहारी नंदलाल की

1, जी मालिक ने जन्म दिया है अन्य वस्त्र भी दे देगा,,
सिर ढकने को छत देवे गा खबर हमारी ले लेगा ,,,,
भजन करो निस चिन्त हो चिंता छोड़ो रोटी दाल की,,,,,
बलहारी बलहारी बोलो ,,,,,

2 छड़ भर को न हमे छोड़ता सदा हमारे साथ में है,,,,
जीवन की सांसा डोरी उस परम पिता के हाथ में है,,,
हंसना रोना जीना मरना छोड़ो चिंता गात की ,,,,,,
बलहारी बलहारी बोलो ,,,

      मथुरा में जाओगे तो घनस्याम मिलेंगे
     सीना फाड़ के बैठे श्री हनुमान मिलेंगे
     दाऊजी में जाओगे तो बलराम मिलेंगे
  माता पिता के चरणों में चारो धाम मिलेंगे,,,,,,,,,,

3 कली, काहे की तू चिंता करता करना है सो राम करें,,,
नाम हरि का भजले मूरख यही तेरा उधार करें,,,,
तोड़, मनीष कुमार तू गुरु मानले जो खोल मुक्ति द्वारा की,,,,,
बलहारी बलहारी बोलो ,,,,,,,,

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