बुला रही राधा गुजरिया तू झूलन आजा सांवरिया…..

श्याम बिन सावन ना भावे,
तू आजा क्यों अब तड़पावे,
बुला रही राधा लिख चिठियां, तू झूलन आजा सांवरिया……..

सुहानी सावन रुत आई,
कैसी चल चल रही पुरवाई,
गगन में छा गई बदरिया, तू झूलन आजा सांवरिया……….

बोल रही कोयल दादुर मोर,
रुनझुन नाचत मन का मोर,
बजा दे प्यारी बांसुरिया, तू भूलन आजा सांवरिया………..

करूण तेरे सुन ले ओ बनवारी,
अरज करे तुमसे ब्रज नारी,
शरण में लेलो सांवरिया, तू झूलन आजा सांवरिया……….

कदम पर हमला डलवाई,
झूलन सब बिरज नारी आई,
कै झोटा दे जा सांवरिया, झूलन आजा सांवरिया……….

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