बरसाने में झूला पड़ गयो, झूला झूले री नवल किशोर सखी री सावन आए गयो……

आयो सावन सखी मनभावनो, छाई हरियाली चाहूं ओर,
सखी री सावन आए गयो, बरसाने में झूला पड़ गयो,
झूला झूले री नवल किशोर सखी री सावन आए गयो….

सखी बादल गरजत बिजुरी संग, ओ घन बरसत है घनघोर,
सखी री सावन आए गयो, बरसाने में झूला पड़ गयो,
झूला झूले री नवल किशोर सखी री सावन आए गयो….

कहे वन वन पड़यो हिंडोरना, कैसे पवन चले झकझोर,
सखी री सावन आए गयो, बरसाने में झूला पड़ गयो,
झूला झूले री नवल किशोर सखी री सावन आए गयो….

झोटा होले होले देवे सांवरा, झूले कुंवर किशोरी सिर मोर,
सखी री सावन आए गयो, बरसाने में झूला पड़ गयो,
झूला झूले री नवल किशोर सखी री सावन आए गयो….

झोटा देय सखिरी सब गाय रही, नाचे मोर पपिहा करे शोर,
सखी री सावन आए गयो, बरसाने में झूला पड़ गयो,
झूला झूले री नवल किशोर सखी री सावन आए गयो….

झूलत गल बैयां डाल के, वरुणेश निरख़ तिन्ही और,
सखी री सावन आए गयो, बरसाने में झूला पड़ गयो,
झूला झूले री नवल किशोर सखी री सावन आए गयो….

Author: Unkonow Claim credit

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