ये जो खुशियों की छायी है लहर के बाबा मेरे घर आया है,
के बाबा मेरे घर आया है………..
आज भजनो का हो गया असर के बाबा मेरे घर आया है,
के बाबा मेरे घर आया है…..

जहाँ भी प्रभु का कीर्तन किया जाता है,
ज्योत जगते ही खाटू धाम बन जाता है,
दिख रहा ग्यारस का असर के बाबा मेरे घर आया है,
आज भजनो का हो गया असर के बाबा मेरे घर आया है,
के बाबा मेरे घर आया है……

कैसे करूँ स्वागत समझ ना आता है,
मिलने को आया है जो जग को चलाता है,
आज दिन है बड़ा ही बेहतर के बाबा मेरे घर आया है,
के बाबा मेरे घर आया है……

एक बात हमने ये दुनिया से जानी है,
हारे को जिताना इसकी आदत पुरानी है,
आज सबको मिलेगा झोली भर, के बाबा मेरे घर आया है,
के बाबा मेरे घर आया है…..

सब भक्तों के संग अमरीश गाता है,
बार बार मिलने की अर्ज़ लगाता है,
मत करो किसी बात की फिकर, के बाबा मेरे घर आया है,
के बाबा मेरे घर आया है…….

Author: Unkonow Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

शनि जयंती

Tuesday, 27 May 2025

शनि जयंती

संग्रह