अरे मन कर हरि से प्यार,
जिंदगी क्यों खोवे बेकार,
क्यों खोवे बेकार, जिंदगी क्यों खोवे बेकार,
अरे मन कर हरि से प्यार……

गर्भ के अंदर जब तू आया,
तन्ने भारी कष्ट उठाया,
तब श्री हरी से करत पुकार,
जिंदगी क्यों खोवे बेकार,
अरे मन कर हरि से प्यार……

हरि ने आकर कष्ट मिटाया,
प्रकट हुआ दुनिया में आया,
कह कह शब्द ऊचार,
जिंदगी क्यों खोवे बेकार,
अरे मन कर हरि से प्यार……

बालकपन हस खेल गवाया,
जवानी मति अनमोल गवाया,
तूने किया ना हरि से प्यार,
जिंदगी क्यों खोवे बेकार,
अरे मन कर हरि से प्यार……

बूढ़े पन की भई सहाई,
दिन दिन तृष्णा घेरन आई,
अब क्यों कर रहा सोच विचार,
जिंदगी क्यों खोवे बेकार,
अरे मन कर हरि से प्यार……

मार-मार यम प्राण निकालें,
नैनन नीर बहाए प्यारे,
रोवे मार मार किलकार,
जिंदगी क्यों खोवे बेकार,
अरे मन कर हरि से प्यार……

गर इस जग से मुक्ति पाना,
तब श्री हरि की शरण में जाना,
वहीं से होवे जग उद्धार,
जिंदगी क्यों खोवे बेकार,
अरे मन कर हरि से प्यार……

Author: Unkonow Claim credit

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