आजु सखी मधुबन नाच्यो मोर
आजु सखी गहवर वन नाच्यो मोर

सावन की मदमस्त हवाएं – 2,हरियाली चहुँ और।
आजु सखी मधुबन नाच्यो मोर
आजु सखी गहवर वन नाच्यो मोर।

सर पर कलगी पंख रंगीले -2
नैन नसीले होंठ रसीले -2
ताल बजावे नाचे गावें ,खूब मचावे छोर।
आजु सखी-जय हो -2
आजु सखी मधुबन नाच्यो मोर
आजु सखी गहवर वन नाच्यो मोर।

अगर कोई पकड़े हाथ न आवे -2
कुञ्ज निकुंञ्जों में छिप जावे -2
देख मोर की लीला सखियन -2 ह्वै गयी भाव विभोर।
आजु सखी मधुबन नाच्यो मोर
आजु सखी गहवर वन नाच्यो मोर।

देख मोर का नाच किशोरी -2
नाच उठी राधा रसभोरि -2
मिले परस्पर चाँद चकोरी -2 मिल गयी नैनन कोर।
आजु सखी मधुबन नाच्यो मोर
आजु सखी गहवर वन नाच्यो मोर।

मोर लियो बाहों में राधा -2
बंसीधर धरा रूप अगाधा -2
राधा दरस कर मिट गयी तड़पन -2 ‘‘मधुप’’ हरी चितचोर।
आजु सखी -2 मधुबन नाच्यो मोर
आजु सखी गहवर वन नाच्यो मोर।

सावन की मदमस्त हवाएं – 2,हरियाली चहुँ और।
आजु सखी -2 मधुबन नाच्यो मोर
आजु सखी गहवर वन नाच्यो मोर। – 4

बोलो मोर बिहारी लाल की जय।

Author: Unkonow Claim credit

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