कान्हा बुलाए राधा नहीं आए,
आजा मेरी प्यारी राधे सावन के झूले पड़े…..

मैं कैसे आऊं टीका मेरा चमके,
टीटी को छुपाकर लंबा घूंघट डालके,
चली आओ प्यारी राधे सावन के झूले पड़े……

मैं कैसे आऊं झुमके मेरे चमके,
झुमके को छुपाकर लंबा घूंघट डालके,
चली आओ प्यारी राधे सावन के झूले पड़े……

मैं कैसे आऊं हरवा मेरा चमके,
हरवा को छुपाके लंबा घूंघट डाल के,
चली आओ प्यारी राधे सावन के झूले पड़े……

मैं कैसे आऊं कंगन मेरे चमके,
कंगन को छुपाके लंबा घूंघट डाल के,
चली आओ प्यारी राधे सावन के झूले पड़े……

मैं कैसे आऊं पायल मेरी चमके,
पायल को उतारके लंबा घूंघट डालके,
चली आओ प्यारी राधे सावन के झूले पड़े……

Author: Unkonow Claim credit

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