साथी हमारा कौन बनेगा,तुम नहीं सुनोगे कौन सुनेगा

तुम ना सुनोगे कौन सुनेगा

आ गया दर पे तेरे, सुनाई हो जाये

जिंदगी से दुखो की, विदाई हो जाये

एक नजर कृपा की डालो,मानुगा अहसान ॥

संकट हमारा कैसे टलेगा

तुम ना सुनोगे कौन सुनेगा…….

पानी हे सर से ऊपर,मुसीबत अड़ गयी हे,

आज हमको तुम्हारी,जरुरत पद गयी हे

अपने हाथ से हाथ पकड़लो,मानुगा अहसान ॥

साथ हमारे कौन चलेगा

तुम ना सुनोगे कौन सुनेगा……..

तुम्हारे दर पे शायद,हमेशा धर्मी आते,

आज पापी आया हे,श्याम काहे घबराते

हमने सुना हे तेरी नजर में,सब हे एक समान ॥

इसका पता तो आज चलेगा

तुम ना सुनोगे कौन सुनेगा……..

वो तेरे भकत होंगे,जिन्हे हे तुमने तारा,

बता ए मुरलीवाले,कौन सा तीर मारा

भकत तुम्हारे भक्ति करते,लेते रहते नाम ॥

काम ती उनका करना पड़ेगा

तुम ना सुनोगे कौन सुनेगा…………

पाप की गठड़ी सर पर,लाढ कर में लाया

बोझ कुछ हल्का कर दे,उठाने ना पाया

फर्ज की रह बता संजू,हो जाये कल्याण ॥

इसमें तुम्हारा कुछ ना घटेगा

तुम ना सुनोगे कौन सुनेगा………

Author: Adhista Anushka

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

शनि जयंती

Tuesday, 27 May 2025

शनि जयंती

संग्रह