
जोगी का इश्क
तेरी आशिक़ी में जोगी बन कर दर दर के ठोकर खाता हु, बस एक नजर देख मुझे तुझे कब से श्याम बुलाता हु, अब आजा सँवारे अब आजा सँवारे, दुनिया हसे मेरी हालत पर दुनिया...
तेरी आशिक़ी में जोगी बन कर दर दर के ठोकर खाता हु, बस एक नजर देख मुझे तुझे कब से श्याम बुलाता हु, अब आजा सँवारे अब आजा सँवारे, दुनिया हसे मेरी हालत पर दुनिया...
चुपचाप बैठे सरकार थोड़ा वक़्त निकालो मेरे वासते, तुमने भुलाया हम चले तेरे द्वार पर बाबा, दर पे भूलके मुख को छुपाके बैठे क्यों मेरे बाबा, डोर करो न एक बार थोड़ा वक़्त निकालो मेरे...
हाज़री लिखवाता हूँ हर ग्यारस में, मिलती है तन्खा, मिलती है तन्खा, मुझे बारस में, हाज़री लिखवाता हूँ हर ग्यारस में।। दो दिन के बदले में तीस दिनों तक मौज करूँ, अपने ठाकुर की सेवा...
उसे लीले के असवार को, मेरे सबसे प्यारे यार को। तुम्हें हैप्पी बर्थडे सांवरिया। तुम्हें हैप्पी बर्थडे सांवरिया। तुम्हें हैप्पी बर्थडे सांवरिया। तुम्हें हैप्पी बर्थडे सांवरिया। माखन मिश्री भोग लगाऊं, श्याम प्रभु की ज्योत जगाऊं।...
सारे जगत में श्याम सा कोई नहीं। कोई नहीं,कोई नहीं,कोई नहीं,कोई नहीं। इसके जैसा पालनहारा कोई नहीं कोई नहीं। कोई बात बनती नहीं जो श्याम प्यारा बनाता उसी को। चाहे छोटा है चाहे बड़ा हो...
ओ खाटू के राजा,जरा नीले चढ़ के आजा, भगत रहे हैं पुकार तेरे आवन की खातिर बिछाये, आँखे राहों पर,बाट रहे हैं निहार ओ खाटू के राजा….. भगतों ने मिलकर के ,तुमको बुलाया है भावों...
बाबा करले तू इत्थे भी नज़र ओ ओ ओ ओ.. बाबा करले तू इत्थे भी नज़र भगत कोई रोता होवेंगा.. बाबा करले तू इत्थे भी नज़र भगत कोई रोता होवेंगा….. आया होगा हार के वो...
कईया बैठ्या हो चुपचाप, बाबा थे म्हारा माँ बाप, म्हापे लागि थारी छाप, थारे भरोसे म्हे हाँ साँवरा, ओ थारे भरोसे म्हे हाँ साँवरा।। थारे हाथा में म्हारी जीवन डोर है, थारे आगे ही रोने...
खाटू धाम का नजारा बड़ा क्यूट सांवरे, भक्तां का दिल लेता लूट सांवरे। बोलूं सांची सांची कोन्या बोलूं झूठ सांवरे, तेरा मेरा प्यार स अटूट सांवरे। खाटू धाम की ये रेत, राखे भक्तां स हेत,...
ऊँगली पकड़ के ले आया मुझे, खाटू नगरी घुमाया मुझे, श्याम ओ मेरे श्याम मैं तेरा लाडला , देखि ऐसी जनत न देखि और कही, तेरी खाटू नगर है दुनिया से हसीं, रखना मुझे चरणों...
सुबह शाम और आठो याम बस जपु तेरा नाम रे तेरे नाम के वावले हम खाटू वाले संवारे, तू जो बोले भोग लगाऊ हुकम बजा के देख ले तेरे नाम का रोग लगा है जांच...
मैं उस दरबार का सेवक हूँ, जिस दर की अमर कहानी है, मैं गर्व से जग में कहता हूँ, मेरा मालिक शीश का दानी है, मै उस दरबार का सेवक हूँ।। इनके दरबार के नौकर...