( नर्सी केवे सावरा,
तू एक बार मड़वा आव,
थारो मारो एक नातो,
थारा भगता उपर भार॥ )

मोड़ो घणो आयो रे सांवरिया,
थे मारी लाज गमाई रे,
अरे लाज गमाई रे सांवरिया,
लाज गमाई रे,
मोड़ो घणो आयो रे सांवरिया,
थे मारी लाज गमाई रे……

सब रे लोगा रे तो लाडू ने पेड़ा,
बरफी न्यारी हो,
नरशी भगत रे तो खटोड़ी राबड़ी,
नरशी भगत रे तो खटोड़ी राबड़ी,
तीन डडो री रे,
मोड़ो घणो आयो रे सांवरिया,
थे मारी लाज गमाई रे……

सब रे लोगो रे महल मलिया,
बंगला न्यारा रे,
नर्सी भगत रे तो तुटोड़ि री झुपड़ी,
नर्सी भगत रे तो तुटोड़ि री झुपड़ी,
बीच मे बरी रे,
मोड़ो घणो आयो रे सांवरिया,
थे मारी लाज गमाई रे….

सब रे लोगा रे तो घिरत पत्राना,
तकिया न्यारा रे,
नर्सी भगत रे तो फतोड़ी रली,
नर्सी भगत रे तो फतोड़ी रली,
बीच मे तो कारी रे,
मोड़ो घणो आयो रे सांवरिया,
थे मारी लाज गमाई रे……

केवे नरशीदो सुन मारा सांवरा,
अर्जी मारी रे,
बाई नेनी रो भरदे मायरो,
बाई नेनी रो भरदे मायरो,
मर्ज़ी थारी रे,
मोड़ो घणो आयो रे सांवरिया,
थे मारी लाज गमाई रे……

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