भाव स्यूं मंडाई बड़े चाव स्यूं मंडाई,
मंडवाई मनडे नै भाई जी आ मेहँदी…

मेहँदी मंडाई मैं तो बाबा थारे नाम की,
हिवड़े समाई सूरत बाबा थारे धाम की,
म्हारी थां स्यूं लगन लगाईं जी आ मेहँदी…..

हथरच्या राचे हाथ गहरा गहरा राचे,
यूँ लागे लेख कर्मा का बांचे,
करे किस्मत रेख सवाई जी आ मेहँदी…..

थारी किरपा को रंग मेहँदी में आवे,
लाल चटक दिखे घणो ही सुहावे,
थारे चेतन के मन भाई जी आ मेहँदी……

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