हारों का एकमात्र सहारा दीनो का रखवाला
निर्धन का धन निर्बल का बल पांडव कुल उजियारा
ऐसा श्याम हमारा, ऐसा श्याम हमारा

जग ठुकराए जिनको बाबा उनको गले लगाए
जो भी दर हार के आये उसको श्याम जिताये
ना जाने कितनी तकदीरों को है इसने संवारा
ऐसा श्याम हमारा, ऐसा श्याम हमारा
ऐसा श्याम हमारा…

बिना नब्ज़ पकडे ही बाबा रोग सही कर देता
कलयुग का अवतारी दर पे मन चाहा वर देता
पापी से भी पापी को दर पे है श्याम ने तारा
ऐसा श्याम हमारा, ऐसा श्याम हमारा
ऐसा श्याम हमारा…

तू भी शरण में आजा प्यारे क्यों भटके बंजारा
पाना है गर श्याम प्रेम तो लगा एक जयकारा
जय श्री श्याम कहा गोलू ने चमका आज सितारा
ऐसा श्याम हमारा, ऐसा श्याम हमारा

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