पवनपुत्र बजरंगबली है नाम तुम्हारा,
केसरीनन्दन अंजनीपुत्र राम का दुलारा,
कपि श्रेष्ठ,शंकर सुवन भी नाम तुम्हारा…….

हे कपिस्वर हे ईश्वर,
तुम जगत के पालनहारा,
महावीरा बलवीरा,
संकट मोचन हो तारनहारा,
चंचल चपल चतुराई से,असुर दल को संहारा…..

नाना रूप नाना कथा,
कपि की कथा है अनन्ता,
हरि की इच्छा हरि जाने,
या जाने हैं हनुमन्ता,
हम निर्गुण अज्ञानी है, बस हुनमत हैं सहारा……

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