राम लखन सीता सहित,
सब कीजै अभिमान,
नमन मेरा स्वीकार करे,
जय जय श्री हनुमान,
अंजनि सुत जय जय हनुमान,
तन मन धन से कीजै ध्यान……..

चारो लोक भैए अंधियारा,
मुख में जब सूरज को डाला,
तेज प्रताप हनुमत का जाने,
लंका दहन जिसने कर डाला,
आराधन कीजे हनुमत का,
शरणागत हो ले लो ज्ञान…..

राम चन्द्र कह गए सबसे,
कल युग के हनुमत दाता,
अर्ज सुने केवल बजंरगी,
वल वुद्धि धन सबके दाता,
हाथ जोड़ बिनन्ति कर,
अंजनी सुत से लो बरदान…..

Author: Unkonow Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

शनि जयंती

Tuesday, 27 May 2025

शनि जयंती

संग्रह