वाहेगुरु वाहेगुरु
वाहेगुरु वाहेगुरु वाहेगुरु

तेरा सब सदका वाहेगुरु
तेरी सब रचना वाहेगुरु वाहेगुरु

मिठ बोल्डा जी मिठ बोलडा,
हरी सजणु सुआमी मोरा वाहेगुरु

विनु तुध होर जे मंगना
सीरी दुखा के दुःख
देहि नाम संतोखियाँ,
उतरे मन की भूख वाहेगुरु

बिनु बोलिया सब किछ जान दा,
किस आगे कीजिये अरदास वाहेगुरु

विसरु नाही प्रभु दीन दयाला
तेरी सरणी पूरण किरपाला वाहेगुरु

सरणी परे की राखु दयाला
नानक तुमरे बाल गोपाला वाहेगुरु

सेवक की अरदास प्यारे
जपी जीवा प्रभु चरण तुमारे वाहेगुरु

फिरतु फिरतु प्रभु आया
परिया ताऊ सरनाई
नानक की प्रभु वेंनती
अपनी भगती लाई वाहेगुरु

चेतना है ताऊ चेत लै
निस दिन मैं प्राणी
छिनु छिनु अउध बिहात है,
फूटे घट जियु पानी वाहेगुरु

सिमरु सिमरी सिमरी सुख पावउ
कलि कलेश तन माहि मिटावओ वाहेगुरु

कवन संजोग मिलु प्रभु अपने
पल पल निमुख सदा हरी जपने
चरण कमल प्रभु के नित ध्यावु
कवन सु मती जीतू प्रीतम पावउ वाहेगुरु

कीता लोडही सो प्रभु होई
तुझ बिन दूजा नाही कोई वाहेगुरु

जो जून सेवे तिसु पूरण काज
दास अपने की राखहु लाज वाहेगुरु

कर किरपा अपनी भगती लाइ
जनु नानक प्रभु सदा धयाई वाहेगुरु

Author: Unkonow Claim credit

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