तुम शरणाई आया ठाकुर,
तुम शरणाई आया,
उतर गयो मेरे मन का शंसा,
जब ते दर्शन पाया,
तुम शरणाई आया ठाकुर,
तुम शरणाई आया।।

अनबोलत मेरी बिरथा जानी,
अनबोलत मेरी बिरथा जानी,
अपना नाम जपाया, ठाकुर,
तुम शरणाई आया,
तुम शरणाई आया ठाकुर,
तुम शरणाई आया।।

दुःख नाटे सुख सहज समाए,
आनंद आनंद गुण गाया, ठाकुर,
तुम शरणाई आया,
तुम शरणाई आया ठाकुर,
तुम शरणाई आया।।

बाँह पकड़ कढ़ लीन्हे अपने,
गृह अंध कूप ते माया, ठाकुर,
तुम शरणाई आया,
तुम शरणाई आया ठाकुर,
तुम शरणाई आया।।

कहो नानक गुरु बंधन काटे,
कहो नानक गुरु बंधन काटे,
बिछुरत आन मिलाया, ठाकुर,
तुम शरणाई आया,
तुम शरणाई आया ठाकुर,
तुम शरणाई आया।
उतर गयो मेरे मन का शंसा,
जब ते दर्शन पाया,
तुम शरणाई आया ठाकुर,
तुम शरणाई आया……..

Author: Unkonow Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

शनि जयंती

Tuesday, 27 May 2025

शनि जयंती

संग्रह