तेरा ही वजूद है एह मेरे मुर्शिद
बिना तेरे मेरा नहीं है गुजारा,

तेरा ही कर्म है ये तेरी ही इनायत
क्या से क्या बनाया है तेरी ही रेहमत ,
हम भूलो को राह लगाया
बिना तेरे मेरा नहीं है गुजारा,

भक्तो के खातिर ये रचन रचाई,
ज्योत इलाही मेरी मुर्शिद की आई.
भक्ति का पवन दर ये बनाया,
बिना तेरे मेरा नहीं है गुजारा,

सागर से गेहरा हिरदये ये तेरा,
सूरज से बढ़कर जलवा ये तेरा,
खुदा तारने खुद ही जहांन में है आया,
बिना तेरे मेरा नहीं है गुजारा,

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