सोहना लगदा गुरु जी तेरा नाम,
हर वेले ता जपदी,
हर वेले ता जपदी, मैं हर वेले ता जपदी,
सोहना लगदा गुरु जी…..

फुलां तो भी सोहना सोहने मुखड़े दा रूप ए,
सोहने नाल लाईया सानू सोहने दा सरूर ए,
साडी अलड़ा दी फड़ लई ए बांह,
मैं हर वेले ता जपदी,
सोहना लगदा गुरु जी…..

दसया गुरु ने मैनु ढंग रब पाऊंन दा,
पाई जांदा मूल ओ ता, लगिया निभाऊन दा,
ओ ता करी बैठा, रहमता दी छा,
मैं हर वेले ता जपदी,
सोहना लगदा गुरु जी…..

ना मैं पाए घंघरू ना चज मैनु गाऊंन दा,
ना ही बल सिखया मैं तसवी घुमाऊंन दा,
केहड़े लफ़्ज़ा नाल शुक्र करा,
मैं हर वेले ता जपदी,
सोहना लगदा गुरु जी…..

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