सारी दुनियाँ से हार के मैं आया,
सतगुरू जी तेरी चौख़ट पे,
आके द्वार पे बड़ा सुख पाया,
आके द्वार पे बड़ा सुख पाया,
गुरु जी तेरी चौख़ट पे……

जबसे मिला है मुझको तेरा सहारा,
कश्ती को मेरी गुरुवर मिला है किनारा,
भवसागर को पार कर मैं आया,
गुरु जी तेरी चौख़ट पे…….

तेरी दया से सतगुरु चलता गुजारा,
मेरी इस जिंदगी को तूने संवारा,
दुःख भूल सारे मैं भी मुस्कुराया,
गुरु जी तेरी चौख़ट पे……

अर्ज लगाता हूँ मैं दिल से गुरू जी,
जब भी पुकारुं तुम्हें राह दिखाना जी,
सारे जग को मैं करके पराया,
गुरु जी तेरी चौख़ट पे……

Author: Unkonow Claim credit

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